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बनारस का तोते वाला घर; हर दिन आते हैं सैकड़ों पैरेट, बुलबुल और गौरैया, 2000 पक्षियों को पाल रहे जयप्रकाश

बनारस का तोते वाला घर; हर दिन आते हैं सैकड़ों पैरेट, बुलबुल और गौरैया, 2000 पक्षियों को पाल रहे जयप्रकाश

 

 

 

बनारस का तोते वाला घर; हर दिन आते हैं सैकड़ों पैरेट, बुलबुल और गौरैया, 2000 पक्षियों को पाल रहे जयप्रकाश

 

चन्दौली वाराणसी: हर घर की खास कहानी होती है. जिसकी जीवंतता वहां रहने वाले लोगों पशु पक्षी व आसपास के वातावरण से होती है. आज हम आपको एक ऐसे ही घर से मिलवाने जा रहे हैं, जहां पर रहने वाले लोगों के खुशनुमा संसार से आसपास का पूरा वातावरण भी बेहद खूबसूरत होता है. यह घर बनारस के पांडेपुर इलाके में मौजूद है. जिसे तोता वाले घर के नाम से जाना जाता है. यहां हर दिन आने वाले सैकड़ों की संख्या में तोता व अन्य पक्षी इस घर के साथ पूरे आसपास के माहौल को अपने कलरव से और भी सुंदर बनाते हैं. हां राष्ट्रीय पक्षी दिवस का मौका है. हर साल 5 जनवरी को यह दिवस मनाया जाता है. राष्ट्रीय पक्षी दिवस का उद्देश्य पक्षियों के प्रति लोगों को प्रेम दिखाने के साथ उनके सुरक्षा व संरक्षण के प्रति जागरूक करना है. ऐसे में आज हम आपको बनारस के तोते वाले घर में लेकर के आए हैं, जिसके मुखिया हैं. जयप्रकाश सिंह जी. जो न सिर्फ पक्षियों के प्रति प्रेम करने की प्रेरणा लोगों को दे रहे हैं बल्कि किस तरीके से इन्हें सुरक्षित रखना है इसके बारे में भी अपनी मुहिम के जरिए बता रहे हैं. जयप्रकाश सिंह ने सन 2000 से पक्षियों के संरक्षण का बीड़ा उठाया है, जिसका परिणाम है कि उनके घर हर दिन सैकड़ों की संख्या में तोता, कबूतर, बुलबुल, गिलहरी, गौरैया आती है और यह उन्हें हर सुबह और शाम दाना खिलाते हैं.

24 साल से कर रहे पक्षियों की सेवा:ईटीवी भारत से बातचीत में जयप्रकाश सिंह बताते हैं कि, सन 2000 से उन्होंने पक्षियों के देखभाल का बीड़ा उठाया. जिसकी प्रेरणा उन्हें दो गौरैया और उनके मित्र अशोक अग्रवाल से मिली. वह बताते हैं कि उनकी गली में एक गौरैया ने घोंसला लगाया था, एक दिन वह उनके छत पर आई और उन्होंने उसे दाना खिलाया. उसके बाद एक जोड़ा तोता इनके छत पर आए जिसे उन्होंने दाना खिलाया और उसके बाद तोतों के आने का सिलसिला इस कदर बढ़ गया कि एक जोड़े तोते को दान देने से शुरू हुआ सफर आज सैकड़ो तोतों की देखभाल तक पहुंच गया है.उनके मित्र उन्हें लगातार प्रेरित करते हैं.वह कहते हैं कि वह लगभग 24 साल से इन पक्षियों की देखभाल कर रहे हैं.वर्तमान में उनके यहां लगभग 2000 पक्षी हैं, जिनमें सबसे ज्यादा संख्या तोते की है. उसके बाद बुलबुल, कबूतर और गोरिया भी है. उनके यहां गिलहरी और कौवे भी आते हैं जिनकी देखभाल करते हैं.

 

हर दिन 2 किलो चावल हैं खिलातेःजयप्रकाश बताते हैं कि यह पक्षी हर सुबह 7 से 8 बजे तक और हर शाम 3:30 से 5 बजे तक इनके छत पर आते. जिन्हें यह कच्चे चावल खिलाते हैं. हर सुबह वह उठ करके बाबा विश्वनाथ जाते हैं, उनका दर्शन करते हैं. वहां से आने के बाद यह एक पक्षियों को दान देने की शुरुआत करते हैं. हर दिन तीन से चार घंटा इन पक्षियों की देखभाल में इनका बीतता है.

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